तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो , खुद का छोड़ो अपनों का ख्याल तुम क्यों नहीं रखते हो |
बेटी -बीवी से बहुत प्यार करते हो ,फिर भी बाहर निकलकर कोरोना (CORONA ) का तोहफ़ा लाते हो |
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................
सुना था ,घर वालों के साथ समय बिताना चाहते हो , जब मौका मिला है तो घर से बाहर निकल जाते हो |
दवा के बदले कोरोना घर में लाते हो , अपनों को ही तुम मौत की नींद सुला देना चाहते हो |
अपनों को ही कंधा नहीं दे पाते हो ,थमी हुई सांसे जब कोरोना ग्रसित की अस्पताल में पाते हो |
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................
सॉंस लेने को जगह रहती नहीं जिन दुकानों में, उनके भी शटर बंद हो जाते है |
ताले ,मंदिर -मस्जिद में लग जाते है , जब कोरोना के पाँव पसर जाते है |
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................
-सियाराम विश्वकर्मा
-सियाराम विश्वकर्मा