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Sunday, October 22, 2023

Dont waste your vote

 When elections are near, you could see electoral candidate approaching you with so many promises, free goodies ( so called free ki revdi) to lure voters. They make many promises like education, health, jobs, road etc but many of us have seen for years same promises are made in each election then which promise is completed once a candidate wins election is doubtful. 

How voters can react if promises are not fulfilled? 

1. He can boycott vote. 

2. He can do protest if promises are not fulfilled.

3. He can vote to different candidate in next election. 

There should be a system if election menifesto is not fulfilled then a voter can take some action at some level against winning candidate or party. 

However above all these first step is to elect a good candidate out of the available option and for that exercising vote is utmost priority of a voter. So dont waste it just like that. 

Tuesday, October 17, 2023

Recycle plastic waste

Keep a box at home to collect plastic waste like unused pen, pencil, empty boxes of shampoo, hair oil etc. Dont litter unused plastic products instead collect them into a box. when you have collected these things at one place in significant amount, you can sell it to Kabadiwala, earn some penny out of the plastic waste. and from kabadiwala it enters into recycling system. Rather than throwing these waste into a landfill. This way you are keeping environment clean. Had it been burnt to destroy plastic items it would have polluted air. 

Thursday, January 12, 2023

आओ मिलकर पहल करे

आओ मिलकर पहल करे, जन जन को पोलॆथिन के प्रति  जागरुक करे ।
गाय निगल जाये तो मर जाये , मिट्टी में मिल जाये तो बारिश का पानी तिरस ना पाए | 
जलाये हवा प्रदूषित  हो जाये , बिन जलाये बरसों तक सड़ ना पाए | 
हो दफ्तर जाना या  फिर दोस्त से मिलने जाना ,एक कपडे का थैला सांथ में ले जाना | 
शॉपकीपर से ना मांगे  पालीथीन हम , साथ  ले जाये अपना  थैला  हम | 
आओ मिलकर पहल करे, जन जन को पोलॆथिन के प्रति  जागरुक करे ।

पालीथीन को कहेंगे अब हम ना , इतना भी मुश्किल नहीं है इसके बिना रहना | 
आओ मिलकर पहल करे, जन जन को पोलॆथिन के प्रति  जागरुक करे ।



Monday, May 25, 2020

Bittu Mahima

सोते हुए तू हँसती है ,जागते हुए तू रोती है
आँखे तेरी टूक-टूक देखा करती ,जब घड़ी में रात के 2-बज रही होती है | 
दिन हो या रात मम्मी-नानी तेरी सुसु पोटी धोती है | 
रात में उनकी पलक झपकती नहीं ,दिन में वो सो पाती नहीं | 
कभी तुझको नहला देती , कभी पानी का पोछा लगा देती | 
आँखों में नींद ऊपर से आधी रात ,सेवा तेरी करती वो रात-बेरात |
तेरी एक  छोटी सी रोने की आवाज ,सबको जगने का देती आगाज | 
बिस्तर में तू रोने लगती , गोद में तू महारानी की तरह सोती | 

5-महीने की नन्ही बालक, मम्मी बोलती बिट्टू है बड़ी चालाक | 
बड़ी होकर होशियार बनेगी , दुनिया में हमारा नाम रोशन करेगी | 
खुद से तू चलने की कोशिश करती , 2 -4 कदम आगे भी रखती | 
जब तिनके के सहारे खड़ी हो जाती , खुशियों से तू फूला ना समाती | 

Wednesday, April 29, 2020

सुनो तुम इतना गुस्सा क्यों करती हो . . .

तुम यूँ रूठो तो मनाना हमें भी आता है
जानेमन , थोड़ा गुस्सा तो कम करो रूठना हमें भी आता है |
सुनो अरसे से तुमने कुछ खाया नहीं,
बस एक निवाला खा लो मेरा निवाला भी अब गले से उतरता नहीं |
सुनो तुम इतना गुस्सा क्यों करती हो. . . . . . . . . . . . . . .

सुनो फायदा ना उठाओ हमारी इस मोहब्बत का ,
हर वक़्त तुम जो नाटक करती हो रूठने -मनाने का |
कभी -कभी तुम्हारा रूठना भी अच्छा लगता है ,
पास आने का बहाना जो मिलता है |
सुनो तुम इतना गुस्सा क्यों करती हो. . . . . . . . . . . . . . .

तेरी हंसी भी बड़ी अच्छी लगती है ,
इतने अरसे के बाद जो तू हसती है |
तेरा हसीन सा चेहरा भी कितना प्यारा है ,
जिस पर सारा मोहल्ला फिरता मारा -मारा है |
तुम इस तरह से कमर मटकाकर ना चला करो ,
यूँ ही आशिक बहुत है तुम्हारे ,मत  उनको और आशिकाना बनाया करो |
सुनो फिर तुम इतना गुस्सा क्यों करती हो. . . . . . . . . . . . . . .

Saturday, April 25, 2020

SUNO TUMHE YAAD HE NA WO DIN

सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन
लोनावला गये थे हम एक दिन
भुशी डैम पर सांथ बिताये थे सुकून के पल
सोच रहा था ये समय यही थम जाए अब ना हो कल
दूर दूर तक पानी दिख रहा था
ये नजारा हमसे कुछ कह रहा था
आ थामलू हाथ तेरा पानी में उतरने का मन कर रहा था
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .

टाइगर पॉइंट का वो खूबसूरत नजारा
जी कर रहा था रोज आये हम यहाँ दोबारा
वो तेज ठंडी हवा
तेरी उड़ती हुई जुल्फे थी इसका गवा
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .

रायवूड पार्क में चारो तरफ हरियाली
जैसे यही हो कुल्लू और मनाली
तुम्हारे हाथ का दोपहर का खाना
फिर कहीं और क्यों जाना
कोई पेड़ छूटा नहीं जहा हमने फोटो लिया नहीं
कैमरे की मेमोरी फूल होती नहीं , हम शूटिंग बंद करते नहीं
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .

यहाँ बिताये हुए पल को मेने दिल में उतार लिया
हर सांसो पे उन पलों का नाम रख दिया
जब भी अकेले में तेरी याद सताती है
ये साँस उन्ही पलों को जीना चाहती है
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .




Saturday, April 11, 2020

बैठे थे हम थामकर दिल को , इन्तजार था बिटिया के आने का सबको

मेरी बिटिया के नाम पर ये सबसे पहली कविता है , बहुत देरी से लिख रहा हु इसलिए बिटिया से माफ़ी माँगता हूँ

बैठे थे हम थामकर दिल को , इन्तजार था बिटिया के आने का सब को
कार में बैठकर पहुंचे अस्पताल को, डॉक्टर बोले होगा इनका ऑपरेशन खतरा है बच्चे की जान को
कुछ देर सोचे-समझे विचार किये , ऑपरेशन की इजाजत हम डॉक्टर को दिये
डॉक्टर था ऑपरेशन करके तैयार, इतने में नर्स ले आयी शुभ समाचार
नर्स बोली बिटिया को जन्म दिया है , मुबारक हो लक्ष्मी का आगमन हुआ है

इस तरह बिटिया को मिला नया संसार, खुशियाँ लायी वो अपरम्पार
सदियों से था जिसका इन्तजार ,पल में हो गया उसका प्रचार
किसी ने मैसेज तो किसी ने फ़ोन-कॉल से किया बधाई का संचार

चेहरा पापा के जैसा कोई कहता है , नाक मम्मी जैसी हर कोई कहता है
नन्हे-नन्हे हाथ उसके ,जन्म से ही थे सिर पे घने बाल उसके
पैदा होते ही किसी ने उसको रानी बोला , तो किसी ने छोटी शिवानी बोला
रानी है तू इस घर की , परी है तू इस पवित्र आँगन की
दुनिया की हर खुशियों पर भारी, है तेरी छोटी सी किलकारी
एक छोटी सी किलकारी ,कई चेहरों पर खुशियाँ दे गई ढेर सारी

Saturday, March 28, 2020

तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................

तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो , खुद का छोड़ो अपनों का ख्याल तुम क्यों नहीं रखते हो |
बेटी -बीवी से बहुत प्यार करते हो ,फिर भी बाहर निकलकर कोरोना (CORONA ) का तोहफ़ा लाते हो | 
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो..................... 

सुना था ,घर वालों के साथ समय बिताना चाहते हो , जब मौका मिला है तो घर से बाहर निकल जाते हो | 
दवा के बदले कोरोना घर में लाते हो , अपनों को ही तुम मौत की नींद सुला देना चाहते हो | 
अपनों को ही कंधा नहीं दे पाते हो ,थमी हुई सांसे जब कोरोना ग्रसित की अस्पताल में पाते हो | 
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................

सॉंस लेने को जगह रहती नहीं जिन दुकानों  में, उनके भी शटर बंद हो जाते है | 
ताले ,मंदिर -मस्जिद में लग जाते है , जब कोरोना के पाँव पसर जाते है | 
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................
तुम घर से बाहर क्यों निकलते हो.....................

                                                                                                   -सियाराम विश्वकर्मा 

Monday, November 4, 2019

दिल्ली को अब गैस का चैम्बर बना दिया

सिगरेट से परहेज करने वालो को प्रदूषण का धुआं पिला  दिया , दिल्ली को अब गैस का चैम्बर बना  दिया |
स्वस्थ है उनको अस्थमा से  ग्रसित बना दिया ,अस्थमा वालों को स्वर्ग के घाट उतार दिया |
सुबह की वॉक को भी दूभर बना दिया ,दिल्ली को अब गैस का चैम्बर बना  दिया |
ODD -EVEN  को किसी ने सराह दिया ,तो किसी ने चुनावी जूमला बता दिया |
महिलाओं का बसों में मुफ्त सफर कर दिया ,लेकिन वो भी राजनीति की भेंट चढ़ा दिया |
इसी मनोवृति ने दिल्ली को अब गैस का चैम्बर बना  दिया |
कही पराली तो कहीं पटाखों ने हवा को जहरीला बना दिया ,दिल्ली को अब गैस का चैम्बर बना  दिया |

Sunday, July 7, 2019

Realize adverse impact on environment today

I am writing this post because i have been seeing people are not thinking of environment. people don't think of saving environment/tree unless they realize it.you don't realize value of oxygen in garden but you can realized its value in hospital when in dire need. so moment when you will realize adverse impacts on environment, it would have been very late to take steps or undo your footprints you had left in past. to save environment you can't buy a magic stick to do magic for you. so you have to take steps today and it will start benefiting you in future only.

citizens who are environment savvy , those who care about environment and help to save it. what you can expect from these environment savvy people ? a good citizen is one who
1# Refuse to take polythene from shopkeeper or thela-wala.
2# Don't litter here and there.
3# Avoid using private vehicles for every 1-2 minute walking like going to kirana shop or dairy which is just 1-minute walking distance.
4# Help to reduce traffic on the road - offer his vacant seat while going office. this way he can reduce significant traffic on the road. i daily commute via city bus and i see more than 50% four wheeler having single seat occupied by driver.
5# When going out for market , always carry a bag with you so that you don't have to ask for carry bag to your shopkeeper.
6# Keep your electrical appliances switched OFF when not in use.

you don't have to make any extra efforts in doing above steps its just willingness to do. imagine even if 1% of the population (which will be approx to 1-crore) follow above steps. you can see its significant impact in coming years soon.