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Saturday, April 11, 2020

बैठे थे हम थामकर दिल को , इन्तजार था बिटिया के आने का सबको

मेरी बिटिया के नाम पर ये सबसे पहली कविता है , बहुत देरी से लिख रहा हु इसलिए बिटिया से माफ़ी माँगता हूँ

बैठे थे हम थामकर दिल को , इन्तजार था बिटिया के आने का सब को
कार में बैठकर पहुंचे अस्पताल को, डॉक्टर बोले होगा इनका ऑपरेशन खतरा है बच्चे की जान को
कुछ देर सोचे-समझे विचार किये , ऑपरेशन की इजाजत हम डॉक्टर को दिये
डॉक्टर था ऑपरेशन करके तैयार, इतने में नर्स ले आयी शुभ समाचार
नर्स बोली बिटिया को जन्म दिया है , मुबारक हो लक्ष्मी का आगमन हुआ है

इस तरह बिटिया को मिला नया संसार, खुशियाँ लायी वो अपरम्पार
सदियों से था जिसका इन्तजार ,पल में हो गया उसका प्रचार
किसी ने मैसेज तो किसी ने फ़ोन-कॉल से किया बधाई का संचार

चेहरा पापा के जैसा कोई कहता है , नाक मम्मी जैसी हर कोई कहता है
नन्हे-नन्हे हाथ उसके ,जन्म से ही थे सिर पे घने बाल उसके
पैदा होते ही किसी ने उसको रानी बोला , तो किसी ने छोटी शिवानी बोला
रानी है तू इस घर की , परी है तू इस पवित्र आँगन की
दुनिया की हर खुशियों पर भारी, है तेरी छोटी सी किलकारी
एक छोटी सी किलकारी ,कई चेहरों पर खुशियाँ दे गई ढेर सारी

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