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Saturday, April 25, 2020

SUNO TUMHE YAAD HE NA WO DIN

सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन
लोनावला गये थे हम एक दिन
भुशी डैम पर सांथ बिताये थे सुकून के पल
सोच रहा था ये समय यही थम जाए अब ना हो कल
दूर दूर तक पानी दिख रहा था
ये नजारा हमसे कुछ कह रहा था
आ थामलू हाथ तेरा पानी में उतरने का मन कर रहा था
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .

टाइगर पॉइंट का वो खूबसूरत नजारा
जी कर रहा था रोज आये हम यहाँ दोबारा
वो तेज ठंडी हवा
तेरी उड़ती हुई जुल्फे थी इसका गवा
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .

रायवूड पार्क में चारो तरफ हरियाली
जैसे यही हो कुल्लू और मनाली
तुम्हारे हाथ का दोपहर का खाना
फिर कहीं और क्यों जाना
कोई पेड़ छूटा नहीं जहा हमने फोटो लिया नहीं
कैमरे की मेमोरी फूल होती नहीं , हम शूटिंग बंद करते नहीं
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .

यहाँ बिताये हुए पल को मेने दिल में उतार लिया
हर सांसो पे उन पलों का नाम रख दिया
जब भी अकेले में तेरी याद सताती है
ये साँस उन्ही पलों को जीना चाहती है
सुनो तुम्हे याद है ना वो दिन.. . . . . . . . . . . . . . . . .




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