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Thursday, September 28, 2017

जब हुआ हकीक़त से सामना

जब हुआ हकीक़त से सामना।
जीना सिखाया इस जिंदगी ने कैसे पूरी होती है मनोकामना ।।
मेहनत में कोई कमी नही रही।फिर भी मेरी ख्वाइशें अधूरी रही।।
मेरे जीने का कोई मतलब नही।यदि मेरी मनोकामना पूरी होती नही।।
सभी के काम आता रहूँ , कामना अब यही।
यदि में किसी के काम आता नही।|
इससे तो अच्छा होता मैं जन्म लेता ही नही।
जो फर्ज़ अदा करना था वो किया ही नही।|
जब हुआ हकीक़त से सामना।जीना सिखाया इस जिंदगी ने कैसे पूरी होती है मनोकामना ।।


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