एक फौजी की माँ अपने बेटे को घर से विदा कुछ इस तरह से करती है |
बहू के लिये चूड़ी मेरे लिये साड़ी लाना |
बहन के लिये किताब भाई के लिये स्कूल बैग लेकर आना ||
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
पापा के लिये ऐनक , दादी के लिये दवाई लेकर आना |
बहू की सूनी गोद को तू भर जाना |
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
बहन की शादी के लिये हल्दी और मेहंदी लेते भी लाना |
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
तुझसे ही है मेरी कयास ,दूर होकर भी तू है मेरे दिल के पास |
मेरी उम्र तुझे लग जाये , तेरे सीने की गोली मुझे लग जाये |
मुझे तो क्या पूरे देश को तुझ पर नाज़ है ,
जिन्दा नहीं ही सही तिरंगे में लिपटकर आना , बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . .
भारत माता के उन सपूतों को सत सत नमन | | | |
बहू के लिये चूड़ी मेरे लिये साड़ी लाना |
बहन के लिये किताब भाई के लिये स्कूल बैग लेकर आना ||
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
पापा के लिये ऐनक , दादी के लिये दवाई लेकर आना |
बहू की सूनी गोद को तू भर जाना |
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
बहन की शादी के लिये हल्दी और मेहंदी लेते भी लाना |
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
तुझसे ही है मेरी कयास ,दूर होकर भी तू है मेरे दिल के पास |
मेरी उम्र तुझे लग जाये , तेरे सीने की गोली मुझे लग जाये |
मुझे तो क्या पूरे देश को तुझ पर नाज़ है ,
जिन्दा नहीं ही सही तिरंगे में लिपटकर आना , बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . .
भारत माता के उन सपूतों को सत सत नमन | | | |
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