महफ़ूज रहे हिंदुस्तान , इसीलिये सरहद पर खड़ा हूँ सीना तान |
बुलंद हौंसले फौलादी है बाहें , दुश्मन कभी सीमा में घुसना पाये ||
हाथों में बन्दूक लिये हैं निकल पड़े , तिरंगे की शान पर मर मिटने के लिये |
घर परिवार की फिक्र छोड़कर ,डटें हैं सरहद पर बर्फ़ की चादर ओढ़कर | |
महफ़ूज रहे हिंदुस्तान , इसीलिये खड़े हैं सरहद पर सीना तान | |
एक हाथ बंदूक एक हाथ तिरंगा लेकर , चढ़ जाते है दुश्मनो की छाती पर |
वीर गती को प्राप्त हो जाये , तिरंगे पर बस न्यौछावर हो जाएँ |
महफ़ूज रहे हिंदुस्तान , इसीलिये खड़े हैं सरहद पर सीना तान ||
Dedicates to Army men who are 24x7 doing their duties to keep us safe & secure.
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