- See more at: http://www.exeideas.com/2012/02/all-in-one-seo-pack-plugin-for-blogger.html#sthash.2pBQRpeH.dpuf

Saturday, February 23, 2019

मेरा चाँद जो वापस आ गया......

तेरे आने से रौनक आ गयी, चांदनी जो चाँद के पास आ गयी | |
तेरे आने से मानो ढलता हुआ सूरज वापस निकल आया | | 
मेरा चाँद जो वापस आ गया | | 
ग्रीष्म में सावन आ गया आया , मेरा चाँद जो वापस आ गया | 
यादों का सफर हुआ पूरा ,मेरा चाँद जो वापस आ गया | | 

वो महलों में रहने वाली..........

वो महलों में रहने वाली |
मुझे वहां भीख भी नशीब नहीं होने वाली | 

वो अपने पालतू जानवरों को बादाम -पिस्ता खिलाने वाली | 
मुझे एक वक़्त की रोटी नशीब ना होने वाली | 

मुझे पेट भरने को सड़ा खाना भी नशीब नहीं होने वाला | 
में तो उसी सड़े खाने की गुहार करने वाला | 

देखें है ढेरो लोग उसको कचरे के डिब्बे में डालने वाले 
मैं ताजे खाने की कयास छोड़कर, कचरे के डिब्बे से निकालकर खाने वाले |
मिला तो पेट भर लिया वरना भूखे पेट सोने वाले | 

Thursday, February 21, 2019

जात -पात का ना करो प्रचार , हर युवा के पास हो रोजगार..........

जात -पात का ना करो प्रचार , हर युवा के पास हो रोजगार |
कुछ तो जनता की भी सुन ले सरकार , हर युवा के पास हो रोजगार ||
बरसो से की तैयारी नौकरी की, परीक्षा होती लेकिन परिणाम के लिये लाचार |
परिणाम आता तो , उसमे भी करते रिशवत की गुहार ||
कुछ तो जनता की भी सुन ले सरकार , हर युवा के पास हो रोजगार ||

आधी जिंदगी पढ़ाई में , आधी में की नौकरी की तलाश|
हाथो की लकीरे भी मिट गई , पूरी हुई नौकरी की तलाश |
बेरोजगार की तरह जिंदगी बिताना, है अब बेरोजगारी भत्ते की तलाश |
यौवन अवस्था में भत्ता , वृद्धा अवस्था में पेंसन की कयास |
कुछ तो जनता की भी सुन ले सरकार , हर युवा के पास हो रोजगार ||



dedicates to Young Indian Population which is deprived of Jobs.....

Wednesday, February 20, 2019

बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना

एक फौजी की माँ अपने बेटे को घर से विदा कुछ इस तरह से करती है |


बहू के लिये चूड़ी मेरे लिये साड़ी लाना |
बहन के लिये किताब भाई के लिये स्कूल बैग लेकर आना ||
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
पापा के लिये ऐनक , दादी के लिये दवाई लेकर आना |
बहू की सूनी गोद को तू भर जाना |
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
बहन की शादी के लिये हल्दी और मेहंदी लेते भी लाना |
बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . . . .
तुझसे ही है मेरी कयास ,दूर होकर भी तू है मेरे दिल के पास |
मेरी उम्र तुझे लग जाये , तेरे सीने की गोली मुझे लग जाये |
मुझे तो क्या पूरे देश को तुझ पर नाज़ है ,
जिन्दा नहीं ही सही तिरंगे में लिपटकर आना , बेटा तू वापस लौटकर जरूर आना. . . . . . . . . . . .. . .

भारत माता के उन सपूतों को सत सत नमन | | | | 

Monday, February 18, 2019

महफ़ूज रहे हिंदुस्तान , इसीलिये खड़े हैं सरहद पर सीना तान

महफ़ूज  रहे हिंदुस्तान , इसीलिये  सरहद पर खड़ा हूँ सीना तान |
बुलंद  हौंसले फौलादी  है  बाहें , दुश्मन कभी सीमा में घुसना पाये || 
हाथों में बन्दूक लिये  हैं निकल पड़े , तिरंगे की शान पर मर मिटने  के  लिये | 
घर परिवार की फिक्र छोड़कर ,डटें हैं सरहद पर बर्फ़ की चादर ओढ़कर | | 
महफ़ूज  रहे हिंदुस्तान , इसीलिये खड़े हैं सरहद पर सीना तान | | 

एक हाथ बंदूक एक हाथ तिरंगा लेकर , चढ़ जाते है दुश्मनो की छाती पर | 
वीर गती को प्राप्त हो जाये , तिरंगे पर बस न्यौछावर हो जाएँ | 
महफ़ूज  रहे हिंदुस्तान , इसीलिये खड़े हैं सरहद पर सीना तान || 


Dedicates to Army men who are 24x7 doing their duties to keep us safe & secure.

Friday, February 15, 2019

दुआ में तुझको माँगा है .........

चाहूंगा  तुझको  दिन और रात, दुआ में तुझको माँगा  है |
तेरी साँसों को मेरी साँस दे दूंगा , जिंदगी में तुझको जो माँगा है ||
हर एक पल तेरे नाम कर दूंगा , साँसों ने तुझको ही अब माँगा है |
दिल की बेचैनी को शायद ही किसी ने पहचाना है,धड़कनो ने जो तुझे अब माँगा  है | |
दिल में  उतरकर देखना , महबूब अब तुझे दिल से माँगा है |
मेरे लिए दवा अब तू बन जाना , दवा के बदले अब तुझे ही माँगा है | |
मेरी वीरान सी जिंदगी मै  थोड़ा सा रंग  भर देना , दुआ मैं बस तुझको माँगा है ||

                                                                                    -सियाराम विश्वकर्मा 

Thursday, September 28, 2017

जब हुआ हकीक़त से सामना

जब हुआ हकीक़त से सामना।
जीना सिखाया इस जिंदगी ने कैसे पूरी होती है मनोकामना ।।
मेहनत में कोई कमी नही रही।फिर भी मेरी ख्वाइशें अधूरी रही।।
मेरे जीने का कोई मतलब नही।यदि मेरी मनोकामना पूरी होती नही।।
सभी के काम आता रहूँ , कामना अब यही।
यदि में किसी के काम आता नही।|
इससे तो अच्छा होता मैं जन्म लेता ही नही।
जो फर्ज़ अदा करना था वो किया ही नही।|
जब हुआ हकीक़त से सामना।जीना सिखाया इस जिंदगी ने कैसे पूरी होती है मनोकामना ।।


Friday, September 22, 2017

जिंदगी में है लाखो सपने पल में बनते पल में टूटते

जिंदगी में  है लाखो  सपने पल  में बनते पल में टूटते
इतनी जल्दी तो वर्षा के बुलबुले  भी नहीं टूटते
सपनो को हकीक़त बनाना चाहता हूँ
सोने के महल में सोना चाहता हूँ
ख्वाबो में बहुत देखा तुझे अब हक़ीक़त में पाना चाहता हूँ


Wednesday, September 13, 2017

Dost teri dosti ko ham kaise bhula de

Dost teri dosti ko ham kaise bhula de….
Dam he teri dosti me itna ki pal me rula de…
Tujhse door rahne ka shouk kise he….
Tere sath rahne ka maja hi kuch aur he…
Lekin waqt itna bai-maan he tujhse door rahne ko majboor ho jate he...
Ab to bas Teri yaado ke sahaare hi jeete he..
Jab ham tujhse mil na paate he…..
Aankho me bas aanshu bhar aate he….

Thursday, July 3, 2014

हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना


            हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना 
मुझे बड़ी से बड़ी मुश्किलें दे , ताकि कर सकु छोटी-छोटी मुश्किलों का हस हस कर सामना 
           हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना
छोटी-छोटी मुश्किलों से कभी घबराता नहीं , क्योंकि यही भरती  हे साहस  मुझमे बड़ी-बड़ी मुश्किलों से सामना करने का 
           हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना 
बन जाऊं में इतना साहसी और निडर की इन छोटी-छोटी मुश्किलों का करूँ हस हस कर सामना 
            हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना 
कितनी ही लहरें और तूफान आई नहीं डिगी वो चट्टान , में भी बन जाऊं ऐसी चट्टान और फिर कितनी ही मुशीबतों का हो सामना
            हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना
बन जाऊं  में इतना साहसी  और निडर बड़ी बड़ी मुशीबतों का भी में करूँ स्वागत और सम्मान
                    हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना 
बस मुझे ऐसी प्रेरणा देना की कर सकूँ सहायता जब हो इन बड़ी बड़ी मुशीबतों से आपका सामना 
        हो मुशीबतों से सामना, बस यही मेरी एक कामना 
                                                                                           - सियाराम विश्वकर्मा